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अच्छा लगता है

achchha lagta hai

आलोक रंजन

आलोक रंजन

अच्छा लगता है

आलोक रंजन

और अधिकआलोक रंजन

    जब औरतें बोलती हैं

    विरोध के स्वर

    तो अच्छा लगता है।

    और अच्छा लगता है

    जब वह घर परिवार और

    रिश्ते-नाते छोड़ अपने-अपने

    कर्तव्यों और अधिकारों की करती हैं बात।

    बहुत अच्छा लगता है

    जब वह नेताओं पर

    गालियाँ फेंककर

    मारती हैं

    तमाचा…

    माँगती हैं वह अपने

    वोटों का हिसाब

    खोजती हैं फ़ाइलें

    काम की।

    स्रोत :
    • रचनाकार : आलोक रंजन
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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