ये नूर उतरेगा आख़िर ग़ुरूर उतरेगा
ye nuur utrega aaख़.ir ग़.uruur utrega
संजय चतुर्वेदी
Sanjay Chaturvedi
ये नूर उतरेगा आख़िर ग़ुरूर उतरेगा
ye nuur utrega aaख़.ir ग़.uruur utrega
Sanjay Chaturvedi
संजय चतुर्वेदी
और अधिकसंजय चतुर्वेदी
ये नूर उतरेगा आख़िर ग़ुरूर उतरेगा
जनाब उतरेगा बंदा हुज़ूर उतरेगा
जो चढ़ गया है वो ऊपर नहीं निकलने का
उतर ही जाएगी फिर वो ज़ुरूर उतरेगा
ज़मीन सोख़्ता-सामाँ है ख़ाक कर देगी
नशा गुमान तकब्बुर सुरूर उतरेगा
वजूद पञ्चमहाभूत में उतर लेगा
हुनर उलूम अदा का उबूर उतरेगा
ख़ला में ताहिर-ए-दरमादा बोलता होगा
जहाँ सवाब रुकेंगे क़ुसूर उतरेगा
- रचनाकार : संजय चतुर्वेदी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.