घर पे ठंडे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है
ghar pe thanDe chulhe par agar khali patili hai
अदम गोंडवी
Adam Gondvi
घर पे ठंडे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है
ghar pe thanDe chulhe par agar khali patili hai
Adam Gondvi
अदम गोंडवी
और अधिकअदम गोंडवी
घर पे ठंडे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है
बताओं कैसे लिख दूँ धूप फागुन की नशीली है
भटकती है हमारे गाँव में गूँगी भिखारन-सी
ये सुब्हे-फ़रवरी बीमार पत्नी से भी पीली है
बग़ावत के कँवल खिलते हैं दिल के सूखे दरिया में
मैं जब भी देखता हूँ आँख बच्चों की पनीली है
सुलगते जिस्म की गर्मी का फिर एहसास हो कैसे
मुहब्बत की कहानी अब जली माचिस की तीली है
- पुस्तक : धरती की सतह पर (पृष्ठ 38)
- संपादक : ओम निश्चल
- रचनाकार : अदम गोंडवी
- प्रकाशन : सर्वभाषा प्रकाशन
- संस्करण : 2023
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