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चलो चलके मनाया जाए उसको

chalo chalke manaya jaye usko

लक्ष्मण गुप्त

लक्ष्मण गुप्त

चलो चलके मनाया जाए उसको

लक्ष्मण गुप्त

और अधिकलक्ष्मण गुप्त

    चलो चलके मनाया जाए उसको

    गले से फिर लगाया जाए उसको

    सियासत आदमी को बाँटती है,

    ये सच अब तो बताया जाए उसको

    वो चेहरा हो कि कोई ख़्वाब मीठा,

    निगाहों में बसाया जाए उसको

    बहुत ख़ामोश हो बच्चा जो कोई,

    तन्हा छोड़ जाया जाए उसको

    परिंदे पर शिकारी की नज़र है,

    अभी कुछ पल उड़ाया जाए उसको

    कहाँ महफ़ूज़ आख़िर रह सकेगा,

    वो इंसा है बताया जाए उसको

    बहुत नज़दीक रहता है मेरे वो,

    ज़रा-सा आज़माया जाए उसको

    स्रोत :
    • रचनाकार : लक्ष्मण गुप्त
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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