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भूख के एहसास को शेर-ओ-सुख़न तक ले चलो

bhookh ke ehsas ko sher o sukhan tak le chalo

अदम गोंडवी

अदम गोंडवी

भूख के एहसास को शेर-ओ-सुख़न तक ले चलो

अदम गोंडवी

और अधिकअदम गोंडवी

    भूख के एहसास को शेर-ओ-सुख़न तक ले चलो

    या अदब को मुफ़्लिसों की अंजुमन तक ले चलो

    जो ग़ज़ल माशूक़ के जलवों से वाक़िफ़ हो गई

    उसको अब बेवा के माथे की शिकन तक ले चलो

    मुझको सब्र-ओ-ज़ब्त की तालीम देना बाद में

    पहले अपनी रहबरी को आचरन तक ले चलो

    ख़ुद को ज़ख़्मी कर रहे हैं ग़ैर के धोखे में लोग

    इस शहर को रोशनी के बाँकपन तक ले चलो

    स्रोत :
    • पुस्तक : धरती की सतह पर (पृष्ठ 43)
    • संपादक : ओम निश्चल
    • रचनाकार : अदम गोंडवी
    • प्रकाशन : अनुज प्रकाशन
    • संस्करण : 2023

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