हमन मरता हमन ही मारता रोता हमन भैये
haman marta haman hii maarata rota haman bhaiye
संजय चतुर्वेदी
Sanjay Chaturvedi
हमन मरता हमन ही मारता रोता हमन भैये
haman marta haman hii maarata rota haman bhaiye
Sanjay Chaturvedi
संजय चतुर्वेदी
और अधिकसंजय चतुर्वेदी
हमन मरता हमन ही मारता रोता हमन भैये
हमन नेशन के बंटाधार में करता ग़बन भैये
हमन शोषक हमन शोषित हमन ही बीच का दल्ला
हमन से जो करै पंगा रहै आधा कफ़न भैये
हमन निरपेच्छधर्मी सो हमन फ़िरक़ापरस्ती में
हमन पक्का हरामी सो हमन गंग-ओ-जमन भैये
हमन हैं भाई-भाई सो हमन मारे है भाई को
हमन कश्मीरियत के खेल में फाड़ा फ़िरन भैये
हमन ही मख़मलों पे इंक़लाबी कुश्तियों का ख़म
पड़ै गालों पे जो गड्ढा हमन का बाँकपन भैये
शहर की हर इमारत पै हमन के नाम का जादू
यहाँ सदियों से दिल्ली में हमारा ही चलन भैये
हमन खेलै करोड़ों में मुलुक जागीर बंदे की
ग़रीबों का मसीहा जो है सो वो भी हमन भैये
- रचनाकार : संजय चतुर्वेदी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.