भुखमरी की ज़द में है या दार के साये में है
bhukhamri ki zad mein hai ya dar ke saye mein hai
अदम गोंडवी
Adam Gondvi
भुखमरी की ज़द में है या दार के साये में है
bhukhamri ki zad mein hai ya dar ke saye mein hai
Adam Gondvi
अदम गोंडवी
और अधिकअदम गोंडवी
अहले हिंदुस्तान अब तलवार के साये में है
छा गई है ज़ेहन की पर्तों पे मायूसी की धूप
आदमी गिरती हुई दीवार के साये में है
बेबसी का इक समंदर दूर तक फैला हुआ
और कश्ती काग़ज़ी पतवार के साये में है
हम फ़क़ीरों की न पूछो मुतमइन33 वो भी नहीं
जो तुम्हारी गेसुए-ख़मदार44 के साये में है
- पुस्तक : धरती की सतह पर (पृष्ठ 50)
- संपादक : ओम निश्चल
- रचनाकार : अदम गोंडवी
- प्रकाशन : सर्वभाषा प्रकाशन
- संस्करण : 2023
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