करेंगे और क्या ख़ुद में नया...
karenge aur kya khud mein naya. . .
कमलेश भट्ट कमल
Kamlesh Bhatt Kamal
करेंगे और क्या ख़ुद में नया...
karenge aur kya khud mein naya. . .
Kamlesh Bhatt Kamal
कमलेश भट्ट कमल
और अधिककमलेश भट्ट कमल
करेंगे और क्या ख़ुद में नया जज़्बा तलाशेंगे,
जिन्हें जीना है वे फिर से कोई रस्ता तलाशेंगे।
हमारे आचरण से क्या है लेना-देना ग़ैरों को,
जो अपने हैं वही हमसे कोई शिकवा तलाशेंगे।
हमें दुश्मन बना देता है सच-सच बोल देना भी,
वो अपने वास्ते इक बार फिर गूँगा तलाशेंगे।
नहीं है हौसलों से ज़्यादा ऊँचा कोई भी पर्वत,
जिन्हें एवरेस्ट छूना है निशान ऊँचा तलाशेंगे।
मिलेगी ही नहीं वह कोख़ जिसमें पीढ़ियाँ पनपें,
अगर सब कोख़ में बेटी नहीं, बेटा तलाशेंगे।
- पुस्तक : 37
- संपादक : कमलेश भट्ट कमल
- रचनाकार : प्रकाशन संस्थान
- प्रकाशन : ज्योति जगाए बैठे हैं
- संस्करण : 2022
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