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कांग्रेस की जय

kangres ki jay

प्रतापनारायण मिश्र

प्रतापनारायण मिश्र

कांग्रेस की जय

प्रतापनारायण मिश्र

और अधिकप्रतापनारायण मिश्र

    जय जयति राज प्रबंध शोधन हेतु बरु बपु धारिनी।

    जय जयति भारत की प्रजा उर एकता संचारिनी॥

    जय जयति सागर पार लौं निज रूपगुन बिसतारिनी।

    जय जयति भगवति काँगरेस असेस मंगल कारिनी॥

    उतपत्ति पालन प्रलय आदिक अति अकथ लीला सबै।

    सब शक्ति सो सब ठौर सब विधि जो करै सबही फबै॥

    नित एक रूप अनेक गुन गनि ब्रह्म विश्व बिहारिनी।

    जय जयति भगवति काँगरेस असेस मंगल कारिनी॥

    जल पौन औनि अकाश अग्नि इकत्र है परमानु लौं।

    अगनित अमित नित दीसहीं, अति तुच्छ कन ते भानु लौं॥

    भल अभल आदि अनेक गुणमय एक जग बपु धारिनी।

    जय जयति भगवति काँगरेस असेस मंगल कारिनी॥

    नव कोटि मूरति आछतहु जब देखिये तब एक हैं।

    जिन महँ सबै सुर वृंद तेज़ नितै इकत्र अनेक हैं॥

    इमि देवि दुर्गा रूप सों, जग की विपत्ति निवारिनी।

    जय जयति भगवति काँगरेस असेस मंगल कारिनी॥

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    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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