Font by Mehr Nastaliq Web

भाई-भाई

bhai bhai

एक किसान के दो बेटे थे। बड़ा बेटा विवाहित था। उसके बाल-बच्चे थे। छोटा बेटा अविवाहित था। बड़ा बेटा खेत के एक छोर पर रहता था तथा छोटा बेटा खेत के दूसरे छोर पर रहता था। दोनों भाइयों में परस्पर बुहत प्रेम था।

किसान की मृत्यु का समय आया तो उसने अपने दोनों बेटों के मध्य संपत्ति का बराबर बँटवारा कर दिया। खेत भी दो भाग में बाँटकर एक भाग बड़े बेटे को दिया तो दूसरा भाग छोटे बेटे को। वह नहीं चाहता था कि उसके मरने के बाद दोनों भाई संपत्ति अथवा खेत को लेकर आपस में लड़ें।

किसान के मरने के बाद भी दोनों भाइयों के आपसी प्रेम में कमी नहीं हुई। वे एक-दूसरे की भलाई के बारे में विचार करते रहते। एक बार खेत में बहुत अच्छी फसल हुई। तब बड़े भाई ने सोचा कि इसमें से कुछ भाग छोटे भाई को भी देना चाहिए। आख़िर वह छोटा होने के कारण उसके पुत्र के समान है। इधर छोटे भाई ने सोचा कि वह स्वयं तो अकेला है किंतु उसके बड़े भाई का परिवार है अत: उसे अपनी फसल का कुछ भाग बड़े भाई को दे देना चाहिए। किंतु दोनों भाई एक-दूसरे के बारे में जानते थे कि वे कहने पर एक-दूसरे से कुछ नहीं लेंगे।

अत: रात के अँधेरे में बड़ा भाई चुपके से एक गट्ठा अनाज अपने छोटे भाई के खलिहान में रख आया। उधर छोटा भाई भी एक गट्ठा अनाज अपने बड़े भाई के खलिहान में रख आया। सुबह होने पर जब दोनों अपने-अपने खलिहान पहुँचे तो वे यह देखकर दंग रह गए कि उनका अनाज कम ही नहीं हुआ था जबकि दोनों अपने-अपने पास से एक-एक गट्ठा अनाज निकालकर ले गए थे।

दूसरी फिर दोनों भाइयों ने एक-दूसरे के खलिहान में अनाज पहुँचा दिया। तीसरी, चौथी और पाँचवीं रात भी यही हुआ। छठीं रात संयोगवश दोनों भाई आपस में टकरा गए। तब दोनों भाइयों को सच्चाई का पता चला और दोनों ने एक-दूसरे को गले से लगा लिया। उनका यह पारस्परिक प्रेम जीवन भर बना रहा।

स्रोत :
  • पुस्तक : भारत के आदिवासी क्षेत्रों की लोककथाएं (पृष्ठ 304)
  • संपादक : शरद सिंह
  • प्रकाशन : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत
  • संस्करण : 2009

संबंधित विषय

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY