बुंदेली लोकगीत : ढुर लगे असाढ़, खबर नै लई हरि मोरी
bundeli lokgit ha Dhur lage asaDh, khabar nai lai hari mori
रोचक तथ्य
संदर्भ—गोपी कथन उद्धव से।
ढुर लगे असाढ़, खबर नै लई हरि मोरी।।टेक।।
दादुर बोले पपीरा बोले, मधुबन बोले मोर।
स्याम स्याम कह टेरियो, जाको चित मम ओर।।1।।
ऊधौ जाइयो मथुरा, हरि सों कहियो समझाय।।
खाकें जहर बिष मरहों, पीछूँ परे पछताय।।2।।
- पुस्तक : हिंदी के लोकगीत (पृष्ठ 374)
- संपादक : महेशप्रताप नारायण अवस्थी
- प्रकाशन : सत्यवती प्रज्ञालोक
- संस्करण : 2002
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