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सरदार पूर्ण सिंह के 5 प्रसिद्ध एवं सर्वश्रेष्ठ निबंध

सरदार पूर्ण सिंह के

5 प्रसिद्ध एवं सर्वश्रेष्ठ निबंध

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पवित्रता

अनेक सूर्य आकाश के महामंडल में घूम रहे हैं, अनंत ज्योति इधर-उधर और हर जगह बिखर रहे हैं। सफ़ेद सूर्य, पीले सूर्य, नीले सूर्य और लाल सूर्य, किसी के प्रेम में अपने-अपने घरों में दीपमाला कर रहे हैं समस्त संसार का रोम-रोम अग्नियों की अग्नि से प्रज्वलित हो

सरदार पूर्ण सिंह

कन्यादान

धन्य हैं वे नयन जो कभी-कभी प्रेम-नीर से भर आते हैं। प्रति दिन गंगा-जल में तो स्नान होता हो है परंतु जिस पुरुष ने नयनों की प्रेम-धारा में कभी स्नान किया है वही जानता है कि इस स्नान से मन के मलिनभाव किस तरह बह जाते हैं; अंतःकरण कैसे पुष्प की तरह खिल जाता

सरदार पूर्ण सिंह

आचरण की सभ्यता

विद्या, कला, कविता, साहित्य, धन और राजत्व से भी आचरण की सभ्यता अधिक ज्योतिष्मती है। आचरण की सभ्यता को प्राप्त करके एक कंगाल आदमी राजाओं के दिलों पर भी अपना प्रभुत्व जमा सकता है। इस सभ्यता के दर्शन से कला, साहित्य और संगीत को अद्भुत सिद्धि प्राप्त होती

सरदार पूर्ण सिंह

सच्ची वीरता

    सच्चे वीर पुरुष धीर-गंभीर और आज़ाद होते हैं। उनके मन की गंभीरता और शांति समुद्र की तरह विशाल और गहरी, या आकाश की तरह स्थिर और अचल होती है। वे कभी चंचल नहीं होते। रामायण में वाल्मीकिजी ने कुंभकर्ण की गाढ़ी नींद में वीरता का एक चिह्न दिखलाया है।

सरदार पूर्ण सिंह

अमेरिका का मस्त जोगी वाल्ट हिटमैन—(Walt Whitman)

अमेरिका के लंबे-लंबे हरे देवदारों के घने वन में वह कौन फिर रहा है? कभी यहाँ टहलता है कभी वहाँ गाता है। एक लंबा, ऊँचा, वृद्ध-युवक, मिट्टी-गारे से लिप्त, मोटे वस्त्र का पतलून और कोट पहने, नंगे सिर, नंगे पाँव और नंगे ही दिल अपनी तिनकों की टोपी मस्ती

सरदार पूर्ण सिंह

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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