Font by Mehr Nastaliq Web

सजनी ला पनघट पै जइयै

sajni la panghat pai jaiyai

घनश्याम

घनश्याम

सजनी ला पनघट पै जइयै

घनश्याम

और अधिकघनश्याम

    सजनी ला पनघट पै जइयै जाँ घटवासी पइये।

    घट रस भर अपनौ घटिया घट, बढ़िया सरस बनईये।

    घट बढ़ जात अघट घटना लख, घट बढ़ कबहुँ कइये।

    औघट घाट वाट कों तजकें घट घाट करइये।

    जा घनश्याम नीच पनघट पै, ना पनघटी करइये॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : बुंदेलखंड की फागें (पृष्ठ 104)
    • संपादक : अयोध्या प्रसाद गुप्त 'कुमुद'
    • रचनाकार : घनश्याम
    • प्रकाशन : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी
    • संस्करण : 2000
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए