भोरईं जइयो माता ढारन
bhora.ii.n ja.iyo maata Dhaaran
ओम प्रकाश सक्सेना ‘प्रकाश’
Om Prakash Saxena 'prakash'
भोरईं जइयो माता ढारन
bhora.ii.n ja.iyo maata Dhaaran
Om Prakash Saxena 'prakash'
ओम प्रकाश सक्सेना ‘प्रकाश’
और अधिकओम प्रकाश सक्सेना ‘प्रकाश’
भोरईं जइयो माता ढारन, पईंयाँ दोऊ पखारन।
जियत इनईं के रनें आसरें, जे हैं सब दुख हारन।
जल ढारे सें भगतन ऊपर, बिपत आत नईं मारन।
कयें प्रकाश मइया की सेवा, होतइ है जग तारन॥
- पुस्तक : बुंदेलखंड की फागें (पृष्ठ 87)
- संपादक : अयोध्या प्रसाद गुप्त 'कुमुद'
- रचनाकार : ओम प्रकाश सक्सेना ‘प्रकाश’
- प्रकाशन : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी
- संस्करण : 2000
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