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गजरा बनो गरे के लाने

gajra bano gare ke lane

परमलाल कुशवाहा ‘परम’

परमलाल कुशवाहा ‘परम’

गजरा बनो गरे के लाने

परमलाल कुशवाहा ‘परम’

और अधिकपरमलाल कुशवाहा ‘परम’

    गजरा बनो गरे के लाने, भौत लगा दिल चानें।

    ढूँढे फूल बाग में धँसकें, नौने जौन दिखाने।

    आबै बास पास में पैरें, देखत लगें सुहाने।

    जे गजरा अब नाग परम भये, काठें नई बच पानें॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : बुंदेलखंड की फागें (पृष्ठ 84)
    • संपादक : अयोध्या प्रसाद गुप्त 'कुमुद'
    • रचनाकार : परमलाल कुशवाहा ‘परम’
    • प्रकाशन : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी
    • संस्करण : 2000
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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