जयपुर के रचनाकार
कुल: 31
चंद्रधर शर्मा गुलेरी
सशक्त गद्यकार और चिंतक। 'उसने कहा था' जैसी कालजयी कहानी के रचनाकार। 'समालोचक' पत्रिका के संपादक और नागरी प्रचारिणी सभा के संपादकों में से एक। पांडित्यपूर्ण हास और अर्थ वक्र शैली के लिए विख्यात।
कृष्ण कल्पित
- जन्म : फ़तेहपुर-शेखावाटी
- निवास : जयपुर
सुपरिचित कवि और गद्यकार। ‘एक शराबी की सूक्तियाँ’ के लिए लोकप्रिय।
संत रामचरण
श्री रामस्नेही संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणी में प्रखर तेज। महती साधना, अनुभूति की स्वच्छता और भावों की सहज गरिमा के संत कवि।
रीतिकालीन कवि। साहित्य शास्त्र के प्रौढ़ निरूपण के लिए विख्यात।
रीतिकाल के सरस-सहृदय आचार्य कवि। कविता की विषयवस्तु भक्ति और रीति। रीतिग्रंथ परंपरा में काव्य-दोषों के वर्णन के लिए समादृत नाम।
संजीव मिश्र
‘मिले बस इतना ही’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। कम आयु में दिवंगत।
सवाई सिंह शेखावत
‘निज कवि धातु बचाई मैंने’ शीर्षक कविता-संग्रह के कवि। लोक-संवेदना के लिए उल्लेखनीय।
- निवास : गलताजी
भक्तिकालीन संत। कृष्णदास पयहारी के शिष्य और नाभादास के गुरु। रसिक संप्रदाय के संस्थापक। शृंगार और दास्यभाव की रचनाओं के लिए स्मरणीय।
अंबिकादत्त व्यास
'भारतेंदु मंडल' के कवियों में से एक। कविता की भाषा और शिल्प रीतिकालीन। 'काशी कवितावर्धिनी सभा’ द्वारा 'सुकवि' की उपाधि से विभूषित।
अर्जुनदास केडिया
प्राचीन शैली में लिखने वाले आधुनिक कवियों में से एक। अलंकार ग्रंथ 'भारती भूषण' कीर्ति का आधार ग्रंथ।
बख्तराम साह
रीतिकालीन जैन कवि। 'बुद्धि विलास' नामक ग्रंथ के रचनाकार। इनकी काव्य-भाषा राजस्थानी है।
चंद्रकुमार
- जन्म : जयपुर
सुपरिचित कवि। 'स्मृतियों में बसा समय' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।
नंद भारद्वाज
राजस्थानी और हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि-उपन्यासकार-समालोचक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
भट्ट मथुरानाथ शास्त्री
समादृत संस्कृत कवि-लेखक-विद्वान। आधुनिक संस्कृत साहित्य में विपुल योगदान हेतु उल्लेखनीय।
कुँवर वियोगी
सुपरिचित डोगरी कवि। 'घर' शीर्षक लंबी कविता के लिए उल्लेखनीय। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।