जबलपुर के रचनाकार

कुल: 9

कृष्णभक्त कवि। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। कुंभनदास के पुत्र और गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य।

सुपरिचित कवि-लेखक। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

इस सदी में सामने आईं हिंदी कवयित्री और गद्यकार। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

छायावादी कवि और गद्यकार।

मलय

1929 - 2024

सातवें दशक के कवि। आलोचना और कहानियाँ भी लिखीं।

नई पीढ़ी की कवयित्री। पत्रकारिता में सक्रिय।

सुपरिचित कवि। एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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