Font by Mehr Nastaliq Web

चौदहवीं तितली कहीं नहीं मिली

धूप इतनी तीखी थी कि मेरी गर्दन पर पसीने की बूँदें काँटों की तरह निकल आई थीं, लेकिन में उसकी आँखों से झरती ओस में राहत महसूस कर रहा था।

उसने कहा—मैंने तुम्हारे इन पत्रों को बार-बार पढ़ा। ना जलाने की इच्छा हुई, ना गलाने की। ना फाड़ने की, ना फेंकने की। ना बहाने की इच्छा हुई और ना ही छिपाकर रखने की। 

उसने पत्र पर्स से निकाले और लौटाने लगी...अचानक मैदान में तेज़ हवाएँ चलने लगी। धूल की आँधी उठी और हमने देखा कि वे सारे प्रेमपत्र उसके हाथ से छूटकर हवा में उड़ने लगे हैं। हम दोनों बिजली की फूर्ति से उठे और उन उड़ते प्रेमपत्रों के पीछे दौड़ने लगे। मैंने उसे कुल चौदह प्रेमपत्र लिखे थे। ये पत्र पीले काग़ज़ पर वॉयलेट इंक से लिखे थे। केमलइंक। इधर-उधर उड़ते प्रेमपत्रों को बटोरने में हमारे साँसें धौंकनी की तरह चल रही थीं। कई तरह की आशंकाएँ उन प्रेमपत्रों की तरह मन में उड़ने लगी थीं। हमने उड़ते-लुढ़कते प्रेमपत्रों को जैसे-तैसे पकड़ा-बटोरा। छह प्रेम पत्र उसके हाथ लगे और सात प्रेमपत्र मेरे हाथ। कुल तेरह पत्र। उसे पता था, मैंने उसे चौदह प्रेमपत्र लिखे थे। वह मेरी आँखों में देखने लगी। मैं उसकी। 

एक प्रेमपत्र कम था। बाक़ी बचे एक प्रेमपत्र के लिए हमने चारों तरफ़ नज़रें दौड़ाईं। वह कहीं नहीं था। हमने किनारे लगे गमलों में देखा, क्यारियों में, पेड़ों के पीछे देखा, पेड़ों में, पेड़ की पत्तियों में, पार्किंग तक पहुँच गए, वहाँ ढूँढ़ा। कारों, स्कूटरों, बाइक के आस-पास, आगे-पीछे देखा। वहाँ एक खुले हुए कचरे के डब्बे में झाँका। वह प्रेमपत्र कहीं नहीं मिला।

उसके बाद हम भी कई दिनों तक नहीं मिले। हम उस प्रेमपत्र के खो जाने से उदास थे। घबराए हुए भी क्योंकि मैंने उसका नाम लिखकर वे प्रेमपत्र लिखे थे, मेरा नाम लिखकर। बहुत दिनों बाद जब वह फिर लाइब्रेरी में मिली तो मुझे देखते ही बोली—चलो ढूँढ़ते हैं!

मैंने आश्चर्य से पूछा—क्या?

उसने कहा—जो खो चुका है, जो अब तक नहीं मिला! उसने कोई किताब अपनी छाती से लगा रखी थी।

हम लाइब्रेरी से होते हुए फिर मैदान में थे। मैदान के किनारों, गमलों में, पेड़ों के पीछे, पेड़ों में, पेड़ों से झरी छोटी-बड़ी पत्तियों के बीच, पार्किंग में, सब देखा दूर तक…

मैंने उसके चेहरे पर प्रेमपत्र की वह तितली उड़ते देखी। उसने कहा—किसी के हाथ लग गया तो?

तो?—मैंने कहा। वह मेरा चेहरा देखने लगी। उसकी आँखों में प्रेमपत्र की इबारत गीली होकर गालों पर झर रही थी। उसने बमुश्किल कहा—अब क्या होगा?
किसी को नहीं मिलेगा—मैंने कहा। काग़ज़ का टुकड़ा ही तो था। उस पर किसी का ध्यान नहीं जाएगा। इधर-उधर उड़कर फट गया होगा, गल गया होगा, सड़ गया होगा। पैरों तले कुचल गया होगा।

क्या सब ऐसे ख़त्म हो जाता है—उसने कहा।

वह ना जाने कहाँ उड़ गया था। लेकिन मैं कुछ और सोच रहा था, कुछ और देख रहा था… वह अजीब-सा दृश्य था। हरी घास के मैदान पर प्रेमपत्र इस तरह उड़ रहे थे, जैसे छोटी-छोटी तितलियाँ। वे पत्र हवा की लय के साथ उड़ रहे थे। कुछ देर घास पर टिक कर फिर से तितली की तरह छोटी-छोटी उड़ान लेकर उड़ रहे थे। पल भर घास की नोंक पर ठहरते, पल भर घास में खिले फूल पर, पल भर फिर उड़ने लगते। इस पूरे मैदान में उस दिन चौदह तितलियाँ उड़ रही थीं। हम दोनों नन्हे बच्चों की तरह उन तितलियों को पकड़ने के लिए मचलते-हाँफते दौड़ रहे थे। ऐस दौड़ रहे थे जैसे बच्चे डंडी से बंधा एक छोटा-सा जाल लेकर तितलियों को पकड़ने के लिए दौड़ते हैं। उस दिन हमारे जाल में कुल तेरह तितलियाँ ही पकड़ में आई थीं।

एक तितली हमेशा के लिए कहीं उड़ गई थी। वह फिर कभी दिखाई नहीं दी।

हम जब भी उस मैदान में आते, साँस रोके उस चौदहवीं तितली को ढूँढ़ते-देखते। लेकिन वह नज़र नहीं आई। वह उड़ चुकी थी, हमेशा के लिए। हम तेरह तितलियाँ पकड़कर लौट गए थे, लेकिन चौदहवीं तितली ज़िंदगी भर हमारी आँखों में उड़ती रही। वह हमारी आँखों से कभी ओझल नहीं हो पाई। आँख बंद करते तो वह उड़ती दिखाई देती, खोलते तो उसकी इबारत दिखाई देती है। हम पलकें झपकाते रहते थे। हमारी आँखें तितलियों में बदल गई थी।

क्या वह प्रेमपत्र इस ब्रह्मांड में कहीं होगा। कहीं किसी आकाशगंगा में, अनाम नक्षत्रों की नदी में बहता-उड़ता। आकाशगंगा में कितनी रौशनी है। आकाशगंगा में कितने नक्षत्र हैं छोट-बड़े। कितने रंग-बिंरंगे। लाल-पीले-गुलाबी। क्या उसी आकाशगंगा में उस चौदहवें प्रेमपत्र की पीली तितली भी उड़ रही होगी…

क्या कभी किसी नक्षत्र की नज़र उस पर पड़ी होगी। क्या कोई नक्षत्र अपनी नीली-गुलाबी चमक को भूलकर, अपने चारो तरफ़ फैली रौशनी से ध्यान हटाकर उस प्रेमपत्र को पढ़ता होगा। क्या उस नक्षत्र की पलकें उस अबूझ इबारत को पढ़कर झपकती होंगी।

'बेला' की नई पोस्ट्स पाने के लिए हमें सब्सक्राइब कीजिए

Incorrect email address

कृपया अधिसूचना से संबंधित जानकारी की जाँच करें

आपके सब्सक्राइब के लिए धन्यवाद

हम आपसे शीघ्र ही जुड़ेंगे

बेला लेटेस्ट