अज्ञान भगवान का शाप है।
अन्तःकरण तो क़ायरों द्वारा प्रयुक्त शब्दमात्र है, सर्वप्रथम इसकी रचना शक्तिशालियों को भयभीत रखने के लिए हुई थी।
अन्तःकरण हम सबको क़ायर बना देता है।
उसका कपोल जीर्ण दिवसों का मानचित्र है।
जो कृत है, उसे अकृत नहीं बनाया जा सकता।
ऑथेलो
1981
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