तुमने मेरा सर ऊँचा कर दिया है
सितंबर 1947 की भयानक रात थी। कोई 11 बजे होंगे। दिल्ली में 72 घंटे का कर्फ़्यू लगा हुआ था। मैं मुस्लिम रिलीफ़ कमेटी के दफ़्तर में काम करके दिन भर का थका-हारा घर आया ही था कि जामा मस्ज़िद की पुलिस चौकी के सब-इंसपेक्टर ने सड़क पर खड़े होकर आवाज़ दी। मैंने