Font by Mehr Nastaliq Web

संपूर्ण औरत

sampurn aurat

अनुवाद : अमिया कुँवर

इमरोज़

इमरोज़

संपूर्ण औरत

इमरोज़

और अधिकइमरोज़

    चलते-चलते एक दिन

    पूछा था अमृता ने—

    तुमने कभी वुमैन विद माइंड

    पेंट की है?

    चलते-चलते मैं रुक गया

    अपने भीतर देखा, अपने बाहर देखा

    जवाब कहीं नहीं था

    चारों ओर देखा—

    हर दिशा की ओर देखा और किया इंतज़ार

    पर कोई आवाज़ आई, कहीं से प्रति-उत्तर

    जवाब तलाशते-तलाशते

    चल पड़ा और पहुँच गया—

    पेंटिंग के क्लासिक काल में

    अमृता के सवाल वाली औरत

    औरत के अंदर की सोच

    सोच के रंग

    किसी पेंटिंग के रंगों में दिखे

    ही किसी आर्ट ग्रंथ में मुझे नज़र आए

    उस औरत का, उसकी सोच का ज़िक्र तलाशा

    हाँ,

    हैरानी हुई देख-देखकर

    किसी चित्रकार ने औरत को जिस्म से अधिक

    सोचा लगता था, पेंट किया था

    संपूर्ण औरत जिस्म से कहीं बढ़कर होती है

    सोया जा सकता है और जिस्म के साथ

    पर सिर्फ़ जिस्म के साथ जागा नहीं जा सकता

    अगर कभी चित्रकारों ने पूर्ण औरत के साथ जागकर

    देख लिया होता

    और की और हो गई होती चित्रकला—अब तलक

    मॉडर्न आर्ट में तो कुछ भी साबुत नहीं रहा—

    औरत, मर्द और ही कोई सोच...

    गर कभी मर्द ने भी औरत के साथ जागकर देख लिया

    होता,

    बदल गई होती ज़िंदगी हो गई होती जीने योग्य ज़िंदगी

    उसकी और उसकी पीढ़ी की भी...

    स्रोत :
    • पुस्तक : अमृता के लिए नज़्म जारी है (पृष्ठ 26)
    • रचनाकार : इमरोज़
    • प्रकाशन : हिंद पॉकेट बुक्स
    • संस्करण : 2008

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए