Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

संत शिवनारायण

1716 - 1791

शिवनारायणी संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणियों में स्वावलंबन और स्वानुभूति पर विशेष ज़ोर। भोजपुरी भाषा का सरस प्रयोग।

शिवनारायणी संप्रदाय के प्रवर्तक। वाणियों में स्वावलंबन और स्वानुभूति पर विशेष ज़ोर। भोजपुरी भाषा का सरस प्रयोग।

संत शिवनारायण की संपूर्ण रचनाएँ

दोहा 6

दुनिया को मद कर्म है, संतन को मद प्रेम।

प्रेम पाय तौ पार है, छुटै कर्म अरु नेम॥

  • शेयर

चालिस भरि करि चालि धरि, तत्तु तौलु करु सेर।

ह्वै रहु पूरन एक मन, छाडु करम सब फैर॥

  • शेयर

जब मन बहकै उड़ि चलै, तब आनै ब्रह्म ग्यान॥

ग्यान खड़ग के देखते, डरपै मन के प्रान॥

  • शेयर

जहं लगि आये जगत महं, नाम चीन्ह नहिं कोय।

नाम चिन्हे तौ पार ह्वै, संत कहावत सोय॥

  • शेयर

संतमंत सबत परे, जोग भोग सब जीति।

अदग अनंद अभै अधर, पूरन पदारथ प्रीति॥

  • शेयर

पद 7

सबद 2

 

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए