ग्रीनविच की वैधशाला
पिछले वर्ष जब मैं यूरोप गया था, यद्यपि मैं केवल विदेश का एक दर्शक पथिक ही बनकर रहा था, अपने 'ज्योतिषी' होने की बात प्रकट नहीं होने दी थी। क्योंकि थोड़े समय में, मैं बहुत कुछ देख लेना-जान लेना चाहता था। तथापि इतना आकर्षण तो स्पष्ट ही था कि मैं इंग्लैंड