पुरानी इमारत का अवशेष या किसी ध्वस्त मकान का बचा-खुचा हिस्सा है। अवशेष और शेष बचे-खुचे के भाव में वक़्त, उम्र, जीवन के विभिन्न प्रतीकों में कविता इसका उपयोग करना जानती है।
Sign up and enjoy FREE unlimited access to a whole Universe of Urdu Poetry, Language Learning, Sufi Mysticism, Rare Texts
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश