Font by Mehr Nastaliq Web

कहानियाँ

कहानी गद्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। यह मानव-सभ्यता के आरंभ से ही किसी न किसी रूप में विद्यमान रही है। भारतीय परंपरा में इसका मूल ‘कथा’ में है। आधुनिक संदर्भों में इसका अभिप्राय अँग्रेज़ी के ‘शॉर्ट स्टोरी मूवमेंट’ से प्रभावित कहानी-परंपरा से है। इसका मुख्य गुण यथार्थवादी दृष्टिकोण है। हिंदी में कहानी का आरंभ अनूदित कहानियों से हुआ, फिर ‘सरस्वती’ पत्रिका के प्रकाशन के साथ मौलिक कहानियों का प्रसार बढ़ा। हिंदी कहानी के विकास में प्रेमचंद का अप्रतिम योगदान माना जाता है। प्रेमचंदोत्तर युग में जैनेंद्र, यशपाल सरीखे कहानीकारों ने नई परंपराओं का विस्तार किया। स्वातंत्र्योत्तर युग में नए वादों, विमर्शों और आंदोलन के साथ हिंदी कहानी और समृद्ध हुई।

1891 -1960

समादृत उपन्यासकार और कथाकार। ऐतिहासिक प्रसंगों के प्रयोग के लिए उल्लेखनीय।

1982

नई पीढ़ी के सुपरिचित कहानीकार-उपन्यासकार। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

1996

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

1920 -2009

आधुनिक काल की आरंभिक गद्यकार।

1883 -1922

सशक्त गद्यकार और चिंतक। 'उसने कहा था' जैसी कालजयी कहानी के रचनाकार। 'समालोचक' पत्रिका के संपादक और नागरी प्रचारिणी सभा के संपादकों में से एक। पांडित्यपूर्ण हास और अर्थ वक्र शैली के लिए विख्यात।

1906 -1982

प्रौढ़ शिल्प में लिखित यथार्थपरक रचनाओं के लिए प्रसिद्ध। निबंध, कहानी और नाटकों के रचयिता। मासिक पत्र 'आजकल' के संपादक भी रहे।

1812 -1870

विक्टोरियन युग के अत्यंत लोकप्रिय अँग्रेज़ी उपन्यासकार, पत्रकार और सामाजिक समालोचक। अपने जीवंत पात्रों और सामाजिक आलोचना के लिए उल्लेखनीय।

1930 -2013

नाइजीरिया के सुप्रसिद्ध कवि, उपन्यासकार और आलोचक। आधुनिक अफ़्रीकी इतिहास में योगदान के लिए उल्लेखनीय।

Rekhta Gujarati Utsav I Vadodara - 5th Jan 25 I Mumbai - 11th Jan 25 I Bhavnagar - 19th Jan 25

Register for free