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बीरबल की खिचड़ी

birbal ki khichDi

अज्ञात

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बीरबल की खिचड़ी

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    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा तीसरी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

    अकबर के दरबार में अनेक विद्वान् थे। बीरबल उन्हीं में से एक थे। वे अपनी चतुराई के लिए बड़े प्रसिद्ध थे। अपनी चतुराई से वे बादशाह को भी हरा देते थे। अकबर और बीरबल के बारे में अनेक कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। लोग उन्हें बड़े चाव से सुनते-सुनाते हैं।

    एक बार की बात है। अकबर किसी गाँव से होकर जा रहे थे। सर्दी के दिन थे। गाँव के लोग आग जलाकर, उसके चारों ओर बैठे बातें कर रहे थे। जब बादशाह अपने साथियों के साथ वहाँ पहुँचे तो एक व्यक्ति कह रहा था कि मैं यमुना के पानी में रातभर खड़ा रह सकता हूँ।

    अकबर को इस बात का विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने उस व्यक्ति से कहा कि यदि तुम सारी रात पानी में खड़े रहो तो मैं तुम्हें थैलीभर मोहरें इनाम में दूँगा। वह मान गया।

    अगली रात वह व्यक्ति यमुना के ठंडे जल में पूरी रात खड़ा रहा। प्रातः वह बादशाह के दरबार में आया।

    बादशाह ने आश्चर्य से पूछा, “तुम इतनी सर्दी में सारी रात पानी में कैसे खड़े रहे?”

    उसने नम्रता से उत्तर दिया, “महाराज, आपके राजमहल से दीपक का प्रकाश रहा था। मैं उसे देखते हुए सारी रात पानी में खड़ा रहा।”

    बादशाह ने कहा, “तो तुम मेरे दीपक की गर्मी के कारण ही सर्दी से बच सके। तुम्हें कोई इनाम नहीं दिया जाएगा।”

    वह बहुत दुखी हुआ और उदास होकर चला गया। उस समय बीरबल भी दरबार में उपस्थित थे। उन्होंने सोचा इस दुखी व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए।

    दूसरे दिन बीरबल दरबार में नहीं आए। अकबर को चिंता हुई कि कहीं बीरबल बीमार तो नहीं पड़ गए। उन्होंने बीरबल को बुलावा भेजा। बीरबल ने कहलवाया कि मैं खिचड़ी पका रहा हूँ, पक जाने पर दरबार में उपस्थित हो जाऊँगा।

    अगले दिन बीरबल को फिर दरबार में देखकर बादशाह ने कुछ सोचा। फिर वे बोले, “चलो, स्वयं ही चलकर देखें कि बीरबल कैसी खिचड़ी पका रहे हैं।”

    जब बादशाह बीरबल के यहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि एक बहुत लंबे बाँस के ऊपरी सिरे पर एक हाँडी लटकी हुई है। हाँडी से बहुत नीचे भूमि पर बहुत थोड़ी-सी आग जल रही है।

    बादशाह ने हैरानी से पूछा, “बीरबल! भला यह खिचड़ी कैसे पक सकती है? हाँडी तो आग से बहुत दूर है।”

    बीरबल ने उत्तर दिया, “हुज़ूर अगर वह व्यक्ति राजमहल के दीपक की गर्मी के सहारे सारी रात ठंडे पानी में खड़ा रह सकता है तो इस आग से मेरी खिचड़ी क्यों नहीं पक सकती?”

    अकबर को बात समझ में गई। उन्होंने दूसरे दिन उस व्यक्ति को दरबार में बुलाया और बड़े सम्मान के साथ उसे मोहरों की थैली भेंट कर दी

    स्रोत :
    • पुस्तक : वीणा (पृष्ठ 46)
    • प्रकाशन : एनसीईआरटी
    • संस्करण : 2022
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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