आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rashmirathi ram dhari singh dinkar ebooks"
Pad के संबंधित परिणाम "rashmirathi ram dhari singh dinkar ebooks"
प्रभाकर भास्कर दिनकर दिवाकर
तानसेन
जहाँ-जहाँ पद-जुग धरई
जहाँ-जहाँ पद-जुग धरई। तहिं-तहिं सरोरुह झरई॥जहाँ-जहाँ झलकए अंग। तहिं-तहिं बिजुरि-तरंग॥
विद्यापति
राम सुमिरण करीय अभागी
राम सुमिरण करीय अभागी।त्रिभुवन नाथ सीता पति राघव, हृदय कमल में धरीय अभागी॥
केशवस्वामी
हौं बनिजारौ राम कौ
हौं बनिजारौ राम कौ, हरि जू कौ टांडौ लादौ जाव रे।राम नाम धन पायौ, तातैं सहज करौं व्यापार रे॥
रैदास
राम सुं राजी वो मेरा
राम सुं राज़ी वो मेरा राम सुं राजी।ग़रीब नवाज़ की चाकरी लागी जेमकुं दीया बाजी॥
केशवस्वामी
आज अयोध्या प्रगट राम
आज अयोध्या प्रगट राम।दसरथ बंस उदे कुल दीपक सिव विंरचि मुनि भयौ बिस्राम॥
परमानंद दास
राम मिलन क्यों पइये
राम मिलन क्यों पइये, मोहिं राखा ठगवन घेरि हो।क्रोध तो काला नाग है, काम तो मरघट काल।
मलूकदास
साधौ भाई राम बसें जिन हिरदै
साधौ भाई राम बसें जिन हिरदै, तिन घट धीरज होय॥जे जन राम रटें संग साँसाँ, तिन जिह्वा रसना होय।