आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "manzilon ke nishan ebooks"
Kavita के संबंधित परिणाम "manzilon ke nishan ebooks"
बाक़ी निशाँ
और कुछ देर के लिए कभी परेशान करती है यह बातकि कहीं ये उन बिंदास दीवानों के बाक़ी निशाँ तो नहीं
कुमार वीरेंद्र
उन सफ़रों के निशान
आज भी उनके पाँवों में उन सफ़रों के निशान हैंजो रात के ढले पहरों में तय होते हैं
आलोक श्रीवास्तव
मुख़बिर निशान
बनाया गया ताज़ा निशान मेरा ठिकाना उघाड़ देताकिसी ने उसकी नक़ल अनगिनत दरवाज़ों पर दुहरा दी
सरबजीत गरचा
सिल पर है निशान रस्सी की मारी हुई रगड़ का
युगों पुरानी घास दबाए है पत्थर धाकड़ काफिर भी है निशान रस्सी की मारी हुई रगड़ का
संजय चतुर्वेदी
विहंग के जाने का समय हो गया
जिस पर राहों के कोई निशान नहीं हैं,मैं अस्तोदधि के उस पार चला जाऊँगा।