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गान विद्या कोई नाच करे

gan widdya koi nach kare

संत रामचरण

संत रामचरण

गान विद्या कोई नाच करे

संत रामचरण

और अधिकसंत रामचरण

    गान विद्या कोई नाच करे, कोई बांच कथा पुनि अर्थ जमावै।

    कोइक धातुकि बात चलावत, बिद्धि अनेक सूं सिद्धि जणावै॥

    ये परपंच करै सब पेट कूं, चेटक चाल दुनी डहकावै।

    रामचरण मरण्ण खरो, शिर होय निराश निराश गावै॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : श्री रामस्नेही संप्रदाय (पृष्ठ 175)
    • संपादक : वैद्य केवलराम स्वामी
    • रचनाकार : संत रामचरण
    • प्रकाशन : श्री स्वामी केवलराम आयुर्वेद सेवा निकेतन ट्रस्ट
    • संस्करण : 1959

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