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संत सिपाही बाँके अवधू

sa.nt sipaahii baa.nke avdhuu

पलटू

पलटू

संत सिपाही बाँके अवधू

पलटू

और अधिकपलटू

    संत सिपाही बाँके अवधू, फिर पाछे नहिं ताके।

    दिनदिन परै कदम आगे को, करैं मुलुक में साके।

    हाँक देत हैं रन के ऊपर, रहैं प्रेम रस छाके॥

    कच्चा छीर नहीं वै पीवैं, पक्का छीर पिवैं वे माँ के।

    आलम डेरा देखि कै उनको, छोड़ै सबद धड़ाके॥

    उनको भूख पियास लागै, ज्यों खाये त्यों फाके।

    अस्तुति निंदा दुष्ट मित्र को, एक राह में हाँके॥

    काम क्रोध की गर्दन मारैं, दिल में बहुत फराखे।

    पलटू दास फरक आलम से, वे असनाव हैं काके॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : पलटू साहेब की बानी (पृष्ठ 394)
    • संपादक : अभिलाषा दास
    • रचनाकार : पलटू
    • प्रकाशन : कबीर आश्रम, कबीर नगर, इलाहाबाद
    • संस्करण : 2012
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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