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उद्धरण

उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।

1957

चीन के सुप्रसिद्ध कलाकार, वृत्तचित्र निर्माता और राजनीतिक कार्यकर्ता।

1884 -1941

समादृत आलोचक, निबंधकार, साहित्य-इतिहासकार, कोशकार और अनुवादक। हिंदी साहित्य के इतिहास और आलोचना को व्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिए प्रतिष्ठित।

700 AD -750 AD

समादृत भारतीय दार्शनिक, विद्वान और आचार्य। 'अद्वैत वेदांत' के प्रणेता।

1909 -1995

समादृत बांग्ला उपन्यासकार और कवयित्री। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।