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कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

अकबर के दरबारी कवि। भक्ति और नीति संबंधी कविताओं के लिए स्मरणीय।

भक्ति परंपरा के संत कवि। ‘अजगर करे ना चाकरी...’ जैसी उक्ति के लिए स्मरणीय।

रीतिकाल के महत्त्वपूर्ण कवि। निश्छल भावुकता, सूक्ष्म कल्पनाशीलता और सुकुमार भावों के अत्यंत ललित चित्रण के लिए प्रसिद्ध।

अलक्षित संत कवि। कबीर को आदर्श मानते हुए साधना के गूढ़ भावों को सरल रूप में प्रस्तुत किया।

सीतामऊ नरेश। वास्तविक नाम रामसिंह। काव्य-भाषा ब्रजी।

शृंगारी कवि। नायिका के अंग-वर्णन के लिए प्रसिद्ध। एक-एक अंग पर सौ-सौ दोहे लिखने के लिए स्मरणीय।

मालवा राज्य के संस्थापक। परमार राजा भोज के चाचा। आचार्य मेरुतुंग की कृति ‘प्रबंध चिंतामणि’ में दोहे संकलित।

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