Font by Mehr Nastaliq Web
Malik Muhammad Jayasi's Photo'

मलिक मोहम्मद जायसी

1467 - 1542

भक्ति-काव्य की निर्गुण धारा के अंतर्गत समाहित सूफ़ी काव्य के अत्यंत महत्वपूर्ण कवि। ‘पद्मावत’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

भक्ति-काव्य की निर्गुण धारा के अंतर्गत समाहित सूफ़ी काव्य के अत्यंत महत्वपूर्ण कवि। ‘पद्मावत’ कीर्ति का आधार-ग्रंथ।

मलिक मोहम्मद जायसी के उद्धरण

मोती की काँति जब एक बार मलिन हो जाती है, फिर उसकी वह पहले जैसी निर्मल काँति कहाँ?

Recitation