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लीन्हें कर बीन ललित

linhen kar been lalit

अलबेलीअलि

अलबेलीअलि

लीन्हें कर बीन ललित

अलबेलीअलि

और अधिकअलबेलीअलि

    लीन्हें कर बीन ललित, लाड़िली जगावैं।

    प्रेम पुलकि अंग-अंग, दरस सरस अति उमंग;

    मधुर-मधुर तान लगी; कान सों सुनावैं॥

    झीने पट बदन जोत; कोटि चंद मंद होत,

    भूषन दुति अति उदोत; उड़गन चमकावैं।

    आरस-रस भरे नयन, छाई मनु मयन सयन;

    रैन की उनींद पलक, झपकि-झपकि जावैं॥

    ‘अलबेलीअलि' उरसि लाल, लगी मनों रूपमाल;

    मंद-मंद हास बदन, बासि में दुरावैं॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : ब्रजमाधुरी सार (पृष्ठ 211)
    • रचनाकार : अलबेलीअलि
    • प्रकाशन : हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
    • संस्करण : 2002

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    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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