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उत्तर प्रदेश के रचनाकार

कुल: 565

सूफ़ी काव्य परंपरा के कवि। संयोग और वियोग की विविध दशाओं के वर्णन में सिद्धहस्त। 'रसरतन' ग्रंथ कीर्ति का आधार।

समकालीन महत्त्वपूर्ण चित्रकार, कला-समीक्षक और लेखक। चित्रकला की काशी शैली और समीक्षावाद से संबद्ध।

सुपरचित कवि, समीक्षक एवं संपादक।

समादृत कथाकार-इतिहासकार। 'अकार' के संपादक।

हिंदी के सुपरिचित कवि-कथाकार। पत्रकारिता से संबद्ध।

नई पीढ़ी की कवयित्री। प्रतिष्ठित प्रकाशन-स्थलों पर कविताएँ प्रकाशित।

सुप्रसिद्ध आलोचक और विद्वान प्राध्यापक। भक्ति और छाया काव्य पर चिंतन के लिए उल्लेखनीय।

समादृत बांग्ला कवि-लेखक-फ़िल्मकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी की लेखिका।

अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तीसरा सप्तक’ के कवि।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

सुपरिचित लेखिका। चार पुस्तकें प्रकाशित।

भारतेंदु युग के महत्त्वपूर्ण कवि, गद्यकार और संपादक। 'ब्राह्मण' पत्रिका से चर्चित।

इस सदी में सामने आए हिंदी कवि-अनुवादक। पत्रकारिता से भी संबद्ध। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के लेखक।

नई पीढ़ी के कवि।

वरिष्ठ कवि कथाकार एवं संपादक।

नई पीढ़ी के कवि।

नई पीढ़ी की कवयित्री-कथाकार। लोक-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। 'इसे कविता की तरह न पढ़िए' शीर्षक से एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

नई पीढ़ी के कवि।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

गोस्वामी वल्लभदास के शिष्य। पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। माधुर्य भाव की भक्ति के लिए स्मरणीय कवि और गायक।

इस सदी में सामने आईं हिंदी कवयित्री और गद्यकार। कहन में संक्षिप्तता के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि। एक कविता-संग्रह प्रकाशित।

सुपरिचित आलोचक। ‘आलोचना’ पत्रिका के संपादक भी रहे।

नई पीढ़ी के कवि। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के कवि-गद्यकार।

चर्चित कवि-आलोचक और अनुवादक। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित। जन संस्कृति मंच से संबद्ध।

प्रेमचंद युग के गद्यकार और पत्रकार। कहानी विधा में ‘उग्र शैली’ के लिए उल्लेखनीय।

अठारहवीं सदी के संत कवि। पदों में हृदय की सचाई और भावों की निर्भीक अभिव्यक्ति। स्पष्ट, सरल, ओजपूर्ण और मुहावरेदार भाषा का प्रयोग।

रीतिकाल के अंतिम प्रसिद्ध कवि। भाव-मूर्ति-विधायिनी कल्पना और लाक्षणिकता में बेजोड़। भावों की कल्पना और भाषा की अनेकरूपता में सिद्धहस्त कवि।

हिंदी कहानी के पितामह और उपन्यास-सम्राट के रूप में समादृत। हिंदी साहित्य में आदर्शोन्मुख-यथार्थवाद के प्रणेता।

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