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मथुरा के रचनाकार

कुल: 31

भारतेंदु युगीन कवि। पुरानी परिपाटी के लेखन में सक्रिय होने के साथ-साथ भाषा की नवीन गति के प्रवर्तन में भी भागीदार।

कृष्ण-भक्ति के संत कवि। सुकोमल भाषा और विलक्षण भाव-वर्णन के लिए स्मरणीय।

किशनगढ़ (राजस्थान) नरेश। प्रेम, भक्ति और वैराग्य की साथ नखशिख की सरस रचनाओं के लिए ख्यात।

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