Font by Mehr Nastaliq Web

देव (एनसीईआरटी)

hansi ki chot, sapna, darbar

देव

देव

देव (एनसीईआरटी)

देव

नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा ग्यारहवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

हँसी की चोट, सपना, दरबार

साँसनि ही सौं समीर गयो अरु, आँसुन ही सब नीर गयो ढरि।

तेज गयो गुन लै अपनो, अरु भूमि गई तन की तनुता करि॥

'देव' जियै मिलिबेही की आस कि, आसहू पास अकास रह्यो भरि,

जा दिन तै मुख फेरि हरै हँसि, हेरि हियो जु लियो हरि जू हरि॥

सपना

झहरि-झहरि झीनी बूँद हैं परति मानो,

घहरि-घहरि घटा घेरी है गगन में।

आनि कह्यो स्याम मो सौं 'चलौ झूलिबे को आज'

फूली समानी भई ऐसी हौं मगन मैं॥

चाहत उठ्योई उठि गई सो निगोड़ी नींद,

सोए गए भाग मेरे जानि वा जगन में।

आँख खोलि देखौं तौ घन हैं, घनश्याम,

वेई छाई बूँदैं मेरे आँसु ह्वै दृगन में॥

दरबार

साहिब अंध, मुसाहिब मूक, सभा बहिरी, रंग रीझ को माच्यो।

भूल्यो तहाँ भटक्यो घट औघट बूढ़िबे को काहू कर्म बाच्यो॥

भेष सुझयो, कह्यो समझयो न, बतायो सुन्यो न, कहा रुचि राच्यो।

'देव' तहाँ निबरे नट की बिगरी मति को सगरी निसि नाच्यो॥

वीडियो
This video is playing from YouTube

Videos
This video is playing from YouTube

देव

देव

स्रोत :
  • पुस्तक : अंतरा (भाग-1) (पृष्ठ 121)
  • रचनाकार : देव
  • प्रकाशन : एन.सी. ई.आर.टी
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY