द्रौपति कौपीन-मात्र दई जो मुनीसर कौ
draupati kaupin matr dai jo munisar kau
भाई गुरुदास
Bhai Gurudas
द्रौपति कौपीन-मात्र दई जो मुनीसर कौ
draupati kaupin matr dai jo munisar kau
Bhai Gurudas
भाई गुरुदास
और अधिकभाई गुरुदास
द्रौपति कौपीन-मात्र दई जो मुनीसर कौ,
तांते सभा मधि बह्यो बसन प्रवाह जी।
तंदुल तनक जगदीस को सुदामे दए,
तांते पाये चतुर पदारथ अथाह जी।
दुखित गजिंद्र अरविंद गहि भेंट राखै,
ताकै काजि चक्रपानि आनि ग्रसै ग्राह जी॥
कहा कोऊ करै कछु होत न काहू के किये,
जांकी प्रभु मानि लेइ सभै सुख तांहि जी॥
- पुस्तक : कवित्त-सवैये (पृष्ठ 171)
- रचनाकार : भाई गुरुदास जी भल्ला
- प्रकाशन : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर
- संस्करण : 1956
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