Font by Mehr Nastaliq Web

सुक्ख में मगन और दुख में

sukkh me.n magan aur dukh me.n

पलटू

पलटू

सुक्ख में मगन और दुख में

पलटू

और अधिकपलटू

    सुक्ख में मगन और दुख में दिलगीरी आवै,

    मरत है बड़ाई को छोटाई की अचाहना।

    अस्तुति में फूलै क्रोध करै निंदा सुनि,

    मित्र सेती भाव करै दुष्ट से अभावना॥

    संपति में खुसी बिपति बिलाप बड़ा,

    पूजै में कष्ट है पुजावने की कामना॥

    पलटू दास चिंता ज्यों चरत है सरीर कहै,

    बिगरी फ़क़ीरी बेकूफ़ी से ना बना॥

    सुख में प्रसन्न हैं, दुख में दुखी, प्रशंसा पाने के लिए जान देते हैं, लघुता नहीं चाहते, अपनी स्तुति पाकर फूले फिरते हैं और निंदा पाकर क्रोध करते हैं। मित्र से मोह है, वैरी से द्वेष है, संपत्ति पाकर प्रसन्न हैं और विपत्ति आने पर फूट-फूट कर रोते हैं। दूसरों का सत्कार करने में दुख मानते हैं, किंतु अपने को पुजवाने के लिए बड़ी इच्छा है। जैसे पशु फसल चर ले, वैसे उनके शरीर को चिंता चर रही है। पलटू साहेब कहते हैं कि ऐसी स्थिति में फ़क़ीरी नष्ट है। मूर्खता रखकर त्याग नहीं बनता।

    स्रोत :
    • पुस्तक : पलटू साहेब की बानी (पृष्ठ 382)
    • संपादक : अभिलाषा दास
    • रचनाकार : पलटू
    • प्रकाशन : कबीर आश्रम, कबीर नगर, इलाहाबाद
    • संस्करण : 2012

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY