चरन चतुर्भुज के चिह्न ह्वै करत सेवा
charan chaturbhuj ke chihn hwai karat sewa
सूरति मिश्र
Surati Mishra
चरन चतुर्भुज के चिह्न ह्वै करत सेवा
charan chaturbhuj ke chihn hwai karat sewa
Surati Mishra
सूरति मिश्र
और अधिकसूरति मिश्र
चरन चतुर्भुज के चिह्न ह्वै करत सेवा,
रमा के सुखद गृह-रूप दरसात हैं।
आसन ह्वै विधि हू रिझायौ, पै न बनी विधि,
‘सूरति’ सुकवि वातैं जग में विख्यात हैं।
सुनिये हौ लाल! उहि बाल-पग-समता कों,
कीनौं बहुतेरौ पै न भए वारिजात हैं।
ऐसी कौन, जाके हिय धीरज धिराइ वाके—
पाँइ देखे काहू के न पाँइ ठहरात हैं॥
- पुस्तक : सूरति मिश्र का अज्ञात काव्य (पृष्ठ 93)
- संपादक : रामगोपाल शर्मा दिनेश
- रचनाकार : सूरति मिश्र
- प्रकाशन : रौशनलाल जैन एंड संस
- संस्करण : 1973
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