Font by Mehr Nastaliq Web

अकथ अपार भवपंथ के बिलोकी

akath apar bhawpanth ke biloki

भूषण

भूषण

अकथ अपार भवपंथ के बिलोकी

भूषण

और अधिकभूषण

    अकथ अपार भवपंथ के बिलोकी स्रम-हरन, करन बीजना से बरम्हाइयै।

    यह लोक परलोक सफल करन कोकनद से चरन हियें आनिकै जुड़ाइयै।

    अलिकुल-कलित कपोल ध्याय ललित अनंदरूप सरित मों भूषन अन्हाइयै।

    पापतरु-भंजन बिघनगढ-गंजन भगत मन-रंजन द्विरदमुख गाइयै।

    कवि कहता है कि मैं ब्रह्मरूप गणेशजी का ध्यान करता हूँ जो अपने कान रूपी पंखे के झलने से इस भयंकर अपार संसार रूपी मार्ग में चलने की थकान को दूर करते हैं। इस लोक और परलोक में सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाले गणेजी के लालकमल के समान चरणों को मैं अपने हृदय में धारण करता हूँ। भूषण कवि कहते हैं कि जिनके कपोल भौंरों के समूह से युक्त हैं (हाथी का गंड-स्थल मद बहने के कारण भौंरों से घिरा रहता है) जिनका ध्यान रखना सुंदर लगता है, ऐसे गणेशजी के आनंद की नदी में स्नान कीजिए। पाप रूपी पेड़ों को तोड़ने वाले, विघ्न रूपी क़िलों का नाश करने वाले और संसार का मनोरंजन (मन प्रसन्न) करने वाले गणेशजी के गुणों का सदैव गायन करना चाहिए।

    स्रोत :
    • पुस्तक : भूषण ग्रंथावली (पृष्ठ 128)
    • संपादक : आचार्य विश्वानाथ प्रकाशन मिश्र
    • रचनाकार : भूषण
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 2017

    यह पाठ नीचे दिए गये संग्रह में भी शामिल है

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए