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वह मिलती है

wo milti hai

निदा नवाज़

निदा नवाज़

वह मिलती है

निदा नवाज़

और अधिकनिदा नवाज़

    वह मिलती है

    अल्ट्रा सोनोग्राफ़िक स्क्रीन पर

    माँ के गर्भ में दुबकी

    अनजाने डर से सहमी

    एक डॉक्टर को हत्यारे के रूप में

    देखती हुई

    वह मिलती है

    स्कूल के आँगन में

    मासूम-सी मुस्कान

    और तितली-सी पहचान लिए

    भविष्य के छोर की ओर दोड़ती

    सामने वाली खाई से बेपरवाह

    छोटी-छोटी गोल-गोल

    आँखों में

    ढेर सारे सपनों को

    संजोती हुई

    वह मिलती है

    चेहरे पर इंद्रधनुषी रंग बिखेरती

    दाँतों तले उँगली दबाती

    पूरे ब्रह्माँड को निहारती

    अपनी आँखों से

    प्यार छलकाती

    होंठों के नमक को

    पूरे सागर में बाँटती हुई

    वह मिलती है

    झील-ए-डल के बीचों-बीच

    कह कहों की कश्ती पर

    अपने पानी में लहरें तराशती

    कमल तोड़ती

    अपने ही आप से बातें करती

    मुस्कुराती

    झरनों के जल तरंग के बीच

    भीगती हुई

    वह मिलती है

    अपने ही खेत की मेड पर बैठी

    धान की पकी बालियों को

    अपने कोमल हाथों से सहलाती

    दराँती की धार को महसूस करती

    भीतर ही भीतर शर्माती

    नज़रें झुकाती

    यौवन के सारे रंगों में

    नहाती हुई

    वह मिलती है

    क्रैकडाऊन की गई

    बस्ती के बीचों-बीच

    लोगों के हुजूम में

    कोतवाल की वासना भरी नज़रों से

    अपने आपको बचाती

    अपने चेहरे पर उमड़ आई

    प्रवासी भावना को छुपाती हुई

    वह मिलती है

    अँधेरे रसोई घर के

    कड़वे कसैले धुएँ को झेलती

    मन की भीतरी जेब में

    माचिस और मिट्टी के तेल की

    सुखद कल्पना संभालती

    चूल्हे में तिल-तिल

    जलती हुई

    वह मिलती है

    पत्तझड़ के मौसम में

    अपने बूढ़े चिनार की

    मटमैली छाँव में

    झुर्रियों की गहराई मापती

    दु:खों को गिनती

    आईने को तोड़ती हुई

    वह मिलती है

    जीवन-मरुस्थल में टहलती

    रेत की सीढ़ियाँ चढ़ती

    कैकटस के ज़िद्दी काँटों से

    दामन छुड़ाती

    यादों की सीपियाँ समेटती

    इच्छाओं के घरोंदे बनाकर

    उनको ढहते देखती

    रोती बिलखती

    अपने ही सूखे आँसुओं में

    डूब कर मरती हुई

    वह मिलती है

    उम्र के सभी पड़ावों पर

    संसार की सारी सड़कों पर

    अपने पदचिन्ह छोड़ती

    रूप बदलती

    जीवन को एक

    सुंदर और गहरा अर्थ देती हुई।

    स्रोत :
    • रचनाकार : निदा नवाज़
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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