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वह आदमी

wo adami

तुषार धवल

तुषार धवल

वह आदमी

तुषार धवल

और अधिकतुषार धवल

    वह आदमी

    जिसकी छाती पर रखा पत्थर

    कुछ हिला है अभी

    एक गहरी साँस लेना चाहता है

    फेफड़ों का कॉर्बन चैन से हाँफने नहीं देता

    उसके दिन के बौने

    किसी लंबी छाया में खो जाते हैं

    अनंत जीवन क़ैद में है वह

    और उसके झरोखे उड़ते रहते हैं

    अंतरिक्ष की अतल अभीप्साओं में

    असुरक्षाओं में

    अभी-अभी टपका है वह

    शब्द की कोख में

    और अपनी काटी गई जीभ हिलाना चाहता है

    रिसता हुआ अपने स्याह पत्थरों में

    वह

    जीवन से घिरी मृत्युओं पर

    कुछ कहना चाहता है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : तुषार धवल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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