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उनकी कविताएँ

unki kavitayen

चंद्रेश्वर

चंद्रेश्वर

उनकी कविताएँ

चंद्रेश्वर

और अधिकचंद्रेश्वर

    उनकी कविताएँ लिखी गईं

    ख़ूबसूरत पन्नों वाली

    क़ीमती डायरियों पर

    छपीं महँगे काग़ज़ वाली पत्रिकाओं में

    पढ़ी गईं

    अति भव्य वातानुकूलित कमरों में

    अति विशिष्ट बौद्धिक श्रोताओं के सामने

    उनकी कविताएँ लिखी गईं

    सूक्ष्म से सूक्ष्म संवेदनाओं पर

    उन पर किसी तरह के दाग़ नहीं थे

    वे मैली-कुचैली नहीं थीं

    जबकि उनके जीवन की चादर पर थे

    अनगिनत दाग़

    उनकी कविताएँ करती थीं बखान

    जीवन के शाश्वत मूल्यों का

    उनमें भूख से ऐंठी अँतड़ियों के निशान नहीं थे

    वे दूर थीं एक एक निरीह औरत की

    चीख़-पुकार से

    भूकंप बाढ़ सुनामी में विस्थापित लोगों की पीड़ा से

    आत्महत्या करने पर विवश किसानों के ग़मग़ीन चेहरों से

    उनमें युद्ध से घायल हुए सैनिकों के घाव से रिसते

    ख़ून के धब्बों के निशान नहीं थे

    उनके कविता संकलनों की

    थोक ख़रीद होती रही

    सरकारी संस्थानों में

    हालाँकि उनके काव्य संकलनों के पन्नों पर

    पाठकों की उँगलियों के निशान नहीं थे

    स्रोत :
    • रचनाकार : चंद्रेश्वर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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