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तत्त्व लीला

tattv lila

दर्शन बुट्टर

दर्शन बुट्टर

तत्त्व लीला

दर्शन बुट्टर

और अधिकदर्शन बुट्टर

    जिज्ञासा

    रंग-बिरंगी तितलियों की 
    क़ब्र है मेरे भीतर 
    ताज़े फूल काँप रहे मेरे हाथों में 
    किस तरह झेलूँ 
    सजदे में झुकने का दर्द

    हाशिए की क़ैद के भीतर 
    भावनाओं का दम घुटता है 
    हाशिए के बाहर भी 
    संशयों की घेराबंदी है

    झाँजर के बोल छनकते नहीं 
    बस रड़कते हैं 
    आँख का सुरमा फैल जाता 
    ख्व़ाबों में कालिख बन कर

    पलकें भरती हूँ 
    तो मज़ाक़ करती हैं हवाएँ 
    खिल-खिल हँसती हूँ 
    तो एतराज़ करती हैं दरगाहें

    अंतःकरण के नंगे सच को 
    कैसे पहनाऊँ हर्फ़ों का जामा 
    बाहर से ढ़के झूठ को 
    कैसे करूँ तार-तार

    आग पर चलती हूँ 
    बर्फ़ का दिया लेकर
    यह तलाशने 
    कि मेरा क्या खोया है

    तू बाँहें तो खोल गुरुदेव!
    मुझे अपना आकाश ढूँढ़ना है 
    तेरे विस्तार में से...


    गुरुदेव

    एक आग है 
    जो निरंतर सुलगती 
    स्वप्नों में...साँसों में 
    आँसुओं में...हासों में 
    रुदन में...रंग तमाशों में

    एक पवन है 
    जो निरंतर बहती 
    जिस्मों में...रूह की ख़लाओं में 
    सूक्ष्म और स्थूल भावनाओं में 
    अंतर्मन की क्रियाओं में

    एक नीर है 
    जो निरंतर बहता 
    मनुष्य की उमंगों में 
    क़ुदरत के रंगों में 
    पंछियों...पतंगों में

    एक मिट्टी है 
    जो निरंतर उड़ती 
    मुहब्बत में...माया में 
    फैलती सिमटती छाया में

    एक आकाश है 
    जो निरंतर बसता 
    कलबूतों1 में...रूहों में 
    अनंतों में...जूहों2 में 
    गुंबदों में...कुओं में

    अनंत काल से जारी यह लीला 
    हम मिट्टी के बाबे 
    खेलते-खेलते सो जाते इसी मि‌ट्टी में

    फूल तेरे लिए खिलते 
    पंछी तेरे लिए गाते 
    क़ुदरत तेरे लिए बिकसती 
    मैं भी हाज़िर हूँ 
    कोरे कैनवस के लिए सारे रंग लेकर...


    स्रोत :
    • पुस्तक : महाकंपन (पृष्ठ 18)
    • रचनाकार : दर्शन बुट्टर
    • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
    • संस्करण : 2016
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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