शब्द चाहिए
shabd chahiye
घटना हो चुकी है
एक आदमी मारा जा चुका है
और इसे ठीक से बयान करने के लिए शब्द चाहिए
घटना की मूक दर्शक भीड़ शब्द खोज रही है
पुलिस को रपट के लिए शब्द चाहिए
जिन्होंने न देखा, न सुना उन्हें भी शब्द चाहिए
टेलीविज़न को शब्द चाहिए
अख़बार, पत्रिकाओं को शब्द चाहिए
सत्ता-पक्ष को, नेता विपक्ष को, पत्रकार को, लेखक को, कवि को
सामाजिक कार्यकर्ता को, समाजशास्त्रियों को शब्द चाहिए
शब्द चाहिए वकीलों को, न्यायाधीश को शब्द चाहिए कचहरियों को
तलाशे जा रहे हैं शब्द
तराशे जा रहे हैं शब्द
कि कैसे हुई एक आदमी की मौत
उसके लिए क्या शब्द हो सकता है भला उपयुक्त
जो सर्वथा नया हो, सटीक हो
कि भीड़ ख़ुद को बचा सके
पुलिस रफ़ा-दफ़ा कर सके
राजनेता, सामाजिक कार्यकर्ता फिर सफल रहें
समाजशास्त्री सिद्धांत प्रतिपादित कर सकें
और कचहरियाँ बनी रहें कुल संदेहों के बाद भी न्याय की जगहें
मैं इतना हताश और निराश हूँ कि
मैं टेलीविज़न और अख़बार की भूमिका पर कोई बात नहीं करना चाहता हूँ
मैं सिर्फ़ इतना जानता हूँ कि
एक आदमी की लाश ज़मीन पर धरी है
हो सकता है कि वह हत्या से मरा हो
हो सकता है कि उसने आत्महत्या की हो
हो सकता है कि वह भूख से मर गया हो
या फिर किसी की गाड़ी से टकरा कर
हो सकता है कि यह दंगे की रणनीति हो
कौन जानता है कि जो आदमी मरा उसका ठीक-ठीक क्या कारण हो सकता है?
मैं सिर्फ़ इतना जानता हूँ कि
इस एक लाश के साथ
अदृश्य कर दी गई हैं अनगिनत लाशें
वे सड़-गल गई होंगी
इस अमर और महान देश की ज़मीन के भीतर
मुझे लगता है कि
इस विशाल देश में हताश हो जाने और विद्रोह कर देने के हज़ार कारण मौजूद हैं
ताज्जुब है कि हम ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे हैं
तो हम भीड़, पुलिस, कचहरी, नेता, टेलीविज़न कुछ भी हो सकते हैं
धारदार हत्यारा चाकू भी।
- रचनाकार : सोमप्रभ
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.