समझौता

samjhauta

तृषान्निता

तृषान्निता

समझौता

तृषान्निता

और अधिकतृषान्निता

    मैंने देखी है

    सेंट्रलाइस्ड ए.सी वाली गगनचुंबी इमारतें

    और उसकी

    सबसे ऊपरी तल्ले के छतों की झलाई करते

    मिस्त्रियों की

    उभरी हुई नसें

    पसीने से तर-बतर शरीर

    मैंने देखा है

    शाम सात बजे की भीड़ बसों से लटकते

    पीठ पर लैपटॉप का बैग

    कंधे पर घर ख़र्च की ज़िम्मेदारी

    और मन में घिसी-पिटी जीवन शैली की ऊब लिए

    मध्यवर्गीय पिता का

    थका-माँदा चेहरा

    मैंने देखा है

    घड़ी की सुई से होड़ लगाती

    सालों से छुरी-पहसुल की मार सहते

    कुशल गृहिणी की

    कटी-फटी ऊँगलियों का सिरा

    नर्म सुंदर हाथों पर पड़े

    तेल की गर्म छींटों के फोड़े

    मैंने देखा है

    सरकारी दफ़्तरों में

    रिश्वतखोरी से हारे हुए

    मेधावी छात्रों के हाथों में

    कलम की जगह पर झाड़ू

    मैंने देखा है

    सालों-साल

    अपनी शक्ति से अधिक

    मेहनत करते लोगों को

    और देखा है

    उन्हें अपने प्राप्य अधिकार से भी

    कम में

    समझौता कर लेते हुए।

    स्रोत :
    • रचनाकार : तृषान्निता
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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