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रात में हमारे हिस्से का आसमान था

raat mein hamare hisse ka asman tha

सत्यपाल सहगल

सत्यपाल सहगल

रात में हमारे हिस्से का आसमान था

सत्यपाल सहगल

और अधिकसत्यपाल सहगल

    रात में हमारे हिस्से का आसमान था

    उसको ओढ़ते थे

    कभी नहीं भी ओढ़ते थे

    कभी एक गीत उसको सुनाते थे

    कभी सुनता था

    कभी नहीं सुनता था

    एक गीत अब भी बजता है

    आकाश अब भी उसे सुनता है

    कभी नहीं सुनता है

    स्रोत :
    • रचनाकार : सत्यपाल सहगल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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