वे तुम्हें मजबूर करेंगे

we tumhein majbur karenge

आर. चेतनक्रांति

आर. चेतनक्रांति

वे तुम्हें मजबूर करेंगे

आर. चेतनक्रांति

और अधिकआर. चेतनक्रांति

    वे तुम्हें मजबूर करेंगे

    कि तुम्हारा भी एक रूप हो निश्चित

    कि तुम्हारा भी हो एक दावा

    कि हो तुम्हारा भी एक वादा

    कि तुम्हारा भी एक स्टैंड हो

    कि तुम्हारी भी हो कोई ‘से’

    वे तुम्हें मजबूर करेंगे

    कि रुको

    और, कि या तो हाँ कहो या ना

    कि चुप मत रहो

    कि कुछ भी बोलो—अगर झूठ है तो वही सही

    वे तुम्हें मजबूर करेंगे

    कभी गालियों से

    कभी प्यार से

    कभी ग़ुस्से से

    कभी मार से

    कभी ठंडी उदासीनता से तुम्हें तुम्हारे कोने में अकेला छोड़

    दीवार पीछे खड़े हो इंतज़ार करेंगे

    वे तुम्हें अपने धैर्य से मजबूर करेंगे

    वे तुम्हें मजबूर करेंगे

    कभी कहेंगे कि तुम फ़ालतू हो,

    कि ऐसा है तो तुम्हें मर जाना चाहिए

    वे तुम्हें अपने ठोस फ़ैसलों से मजबूर करेंगे

    वे तुम्हारे सामने एक शीशा रख देंगे

    और कहेंगे कि इससे डरो जो तुम्हें इसमें दिख रहा है

    वे तुम्हें मजबूर करेंगे अपनी कल्पना से

    और कल्पना की प्लानिंग से

    वे कहेंगे कि तुम ईश्वर हो

    बल्कि उससे भी ज़्यादा ताक़तवर

    आओ और हम पर राज करो

    वे तुम्हें मजबूर करेंगे अपने समर्पण से।

    स्रोत :
    • पुस्तक : शोकनाच (पृष्ठ 16)
    • रचनाकार : आर. चेतनक्रांति
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2004

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