फ़ोटोग्राफर

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राहुल राजेश

राहुल राजेश

फ़ोटोग्राफर

राहुल राजेश

और अधिकराहुल राजेश

     

    एक

    रंगों का रंगमंच है
    उसकी आँखें

    रंगों की कारीगरी उसकी आँखों में 
    सबसे अधिक दिखती है

    श्वेत-श्याम के रंग उसकी आँखों में 
    सबसे अधिक खिलते हैं

    उसकी आँखों में ही
    श्वेत सबसे अधिक श्वेत होता है

    श्याम सबसे अधिक श्याम!

    दो

    ज़रूरी नहीं कि वह 
    विज्ञान का छात्र रहा हो

    पर उसे प्रकाश की बारीकियाँ 
    सबसे अधिक समझ आती हैं

    जानता नहीं हो भले वह
    कैसे गमन करता है प्रकाश
    क्या होती है प्रकाश की गति

    किसे कहते हैं तरंगधैर्य और
    कितनी होती है किस रंग की फ़्रीक्वेंसी

    पर कहाँ, किस तरफ़ से 
    कितनी रोशनी गिरनी चाहिए
    और कितनी मात्रा में

    उसे ठीक-ठीक मालूम होता है
    प्रकाश का अपवर्तन, परावर्तन 
    वह सबसे सटीक मापता है

    प्रकाश उसके लिए 
    भौतिकी का अध्याय नहीं

    उसकी आँखों की व्यायामशाला है!

    तीन

    आपने ख़ूब पढ़ी होगी ज्यामिति

    आप बेशक जानते होंगे
    कोणों के कई प्रकार

    वह यह सब कुछ नहीं जानता

    पर वह जितना और जितनी तरह से
    करता है कोणों का इस्तेमाल 

    आप कल्पना भी नहीं कर सकते

    यक़ीनन दूसरा कोई नहीं
    कोणों का इतना जानकार!

    चार

    वह किरणों की कूची से 
    चित्र बनाता है

    प्रकाश की छेनी से
    नक़्क़ाशी करता है

    छाया की क़लम से
    कविता रचता है

    यूँ ही उसे छायाकार नहीं कहते!

    पाँच

    वह  
    आपकी नहीं 

    प्रकाश की भंगिमाएँ देखता है

    वह 
    आपकी नहीं 

    छाया की मुद्राएँ देखता है!

    छह

    एक वही है
    जिससे खुलकर खेलते हैं धूप-छाँह

    एक वही है 
    जो ठीक ठीक बाँचता है
    धूप-छाँह का व्याकरण 

    एक वही है 
    जो जानता है ठीक-ठीक

    ठीक इस वक़्त कितना घनत्व है
    छाया का, धूप का

    कितनी देर में धूप इतनी पिघल जाएगी
    कि उसकी आँखों से होकर गुज़रेगी जो रोशनी

    उसमें नहाकर आपका चेहरा
    दिखेगा सबसे सुनहरा!

    सात

    एक वही है

    जिसकी कामना में होता है
    आपका सबसे सुंदर चेहरा
    एक वही है 
    जो चाहता है

    आप सबसे सच्ची
    सबसे मीठी
    सबसे मोहक 
    सबसे मादक हँसी हँसें

    कि कम से कम
    उस वक़्त ही सही

    आप अपने पास लौट आएँ!

    आठ

    जीवन में भले न आता हो
    उसे कोई जोड़-तोड़

    पर पेशे में वह 
    बेरोक-टोक जोड़-तोड़ करता है

    भैया, आप ज़रा इस तरफ़ आ जाइए
    दीदी, आप ज़रा उस तरफ़ चले जाइए
    भाभी, आप ज़रा यहाँ चले आइए

    हाँ, अब बिल्कुल ठीक है! 

    नौ

    कब कहाँ मिल जाए 
    कोई लाजबाव तस्वीर

    कब कहाँ बैठ जाए
    श्वेत-श्याम का सटीक समीकरण

    कब कहाँ दिख जाए
    रंगों की रंगीन महफ़िल

    कब कहाँ सुन ले वह 
    प्रकाश की पनीली पुकार 

    उसे कहाँ मालूम?

    इसलिए वह  हर वक़्त
    उम्मीद से भरा होता है

    उसकी आँखों में उत्सुकता का
    स्थायी वास होता है!

    दस

    आपकी आँखें जितनी सजल
    आपकी पलकें जितनी ज़हीन
    आपके होंठ जितने हसीन
    आपके दाँत जितने धवल 

    उसे दिखते हैं
    उतने आपको कभी नहीं दिखते

    तस्वीर में वह

    आपकी आँखें नहीं,
    आपकी आँखों का पानी सँजोता है

    आपके होंठ नहीं,
    फूल की नाज़ुक पंखुड़ियाँ सजाता है

    आपकी पलकें नहीं,
    उनका झुकना थामता है!

    ग्यारह

    जो आपका आईना भी नहीं कर पाता
    वह उसका कैमरा कर लेता है 

    वह सिर्फ़ दृश्य नहीं
    वह सिर्फ़ क्षण नहीं

    आपका मन भी बाँधता है!

    बारह

    वह सिर्फ़ प्रकाश का पराक्रम नहीं,
    अँधेरे की आभा भी देखता है

    वह सिर्फ़ साधारण में असाधारण नहीं,
    असाधारण में साधारण भी देखता है

    वह सिर्फ़ आलोकित को नहीं,
    अँधेरे को भी अर्थ देता है

    वह सिर्फ़ दृश्य नहीं,
    वह सिर्फ़ समय नहीं 

    इतिहास भी दर्ज करता है

    उसके बिना इतिहास भी
    मूक-बधिर है!

    तेरह

    जादू 
    काँच के उस पारदर्शी गोले में नहीं

    उसकी आँखों में है

    जो आपके लिए 
    सबसे सुंदर नेपथ्य रचती है

    और आप हमेशा के लिए
    उसके जादू में क़ैद हो जाते हैं!

    चौदह

    वह खींचता है
    आपकी यादगार तस्वीरें

    वह लेता है 
    आपकी सबसे सुंदर तस्वीरें

    और अक्सर सोचता है
    ठीक उसी जगह, ठीक उसी तरह
    ठीक उसी धज में 

    कोई उसकी भी खींच देता
    एक सुंदर-सी, यादगार तस्वीर!

    पंद्रह

    एक वही है 
    जिसके आगे 

    पति पत्नी को
    पत्नी पति को

    सबसे ज्यादा 
    प्यार करती है!

    सोलह

    किसी हस्ती से हाथ मिलाते वक़्त

    उसकी आँखों की ज़द में
    आप हों, न हों

    आपकी आँखों की ज़द में
    वह बेतरह होता है!

    सत्रह

    वह फ़्रेम के बाहर का आदमी है

    लेकिन फ़्रेम में 
    हर वक़्त मौजूद होता है!

    अठारह

    उसके लिए 
    कोई दृश्य, कोई शॉट, कोई फ़्रेम

    अंतिम नहीं होता 

    रंगों का सबसे सुंदर संयोजन
    रसायनों की सर्वोत्तम अभिक्रिया भी

    उसे संतुष्ट नहीं कर पाती!

    उन्नीस

    वह जीवन से ज्यादा

    जोखिम को तरजीह देता है!

    बीस

    जैसे एक अच्छे अनुवादक की कमी
    अक्सर खलती है

    वैसे ही एक अच्छे फ़ोटोग्राफर की कमी
    अक्सर खलती है 

    एक अच्छी कविता पढ़कर 
    हम अक्सर कवि के ख़यालों में डूब जाते हैं

    एक अच्छी तस्वीर देखकर
    शायद ही हम ऐसा कर पाते हैं

    एक फ़ोटोग्राफर को विरले ही
    ऐसा सुख नसीब होता है

    ऐसे फ़ोटोग्राफर भी विरले ही होते हैं!

    स्रोत :
    • रचनाकार : राहुल राजेश
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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